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किसी भी देश के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए समुद्री परिवहन एक महत्वपूर्ण अवसंरचना होती है। इससे विकास की गति, ढांचा और  रूपरेखा प्रभावित होती है। पत्तन,पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के कार्य क्षेत्र में नौवहन और पत्तन क्षेत्र आते हैं जिसमें पोत निर्माण और पोत मरम्मत, महापत्‍तन और अंतर्देशीय जल मार्ग एवं अंतर्देशीय जल परिवहन शामिल हैं।  

पत्तन,पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय को इन क्षेत्रों के संबंध में नीतियाँ और कार्यक्रम तैयार करने और उनका कार्यान्वयन करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।समुद्री परिवहन क्षेत्र के समक्ष विविध मुद्दों की ओर ध्यान देने के लिए एक विस्तृत नीति पैकेज की आवश्यकता  है।

विदेशी व्यापार की बढ़ती हुई आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बर्थों और कार्गो संभालने वाले उपस्करों सहित पतनों की क्षमता में सुधार आवश्यक है। नौवहन उद्योग को स्वदेशी जलयानों के मार्फत समुद्री व्यापार के अधिकतम हिस्से की ढुलाई करने योग्य बनाया जाना अत्यंत जरुरी है। पूर्व में, परिवहन क्षेत्र में, विशेष रूप से पतनों में निवेश राज्य द्वारा किया गया है: जिसके प्रमुख कारण हैं बड़े पैमाने पर संसाधनों की जरूरत, लम्बी गेस्टेशन अवधि, अनिश्चित लाभ तथा इस अवसंरचना के साथ जुड़े, सकारात्‍मक और नकारात्‍मक दोनों प्रकार के, अनेक बाह्य तत्व।

तथापि, निरंतर बढती हुई संसाधन आवश्यकताओं और प्रबंधकीय दक्षता तथा उपभोक्ताओं की संवेदनशीलता के सरोकारों से हाल ही में आधारभूत सेवाओं में निजी क्षेत्र की सक्रिय सहभागिता हुई है। निजी क्षेत्र की सहभागिता को प्रोत्साहित करने के लिए पत्तन,पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने पत्‍तन क्षेत्र में निजी क्षेत्र की सह्भागिता के लिए व्यापक नीतिगत दिशानिर्देश निर्धारित किये हैं। पत्तन,पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय का एक सूचना एवं सुविधा काउंटर, परिवहन भवन, 1, संसद मार्ग, नई दिल्ली के भूतल पर कार्य कर रहा है।