पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय (एमओपीएसडब्ल्यू) के डिजिटल रूपांतरण को गति देने, स्मार्ट गवर्नेंस, निर्बाध समुद्री प्रचालनों को सक्षम बनाने और हितधारकों की अधिक भागीदारी के लिए मंत्रालय में सूचना प्रौद्योगिकी प्रभाग स्थापित किया गया है।
संयुक्त सचिव (आईटी) की अध्यक्षता में और एक निदेशक, उप निदेशक, अनुभाग अधिकारी और सहायक अनुभाग अधिकारी की सहायता से, आईटी प्रभाग बहुत-सी प्रौद्योगिकी संचालित ऐसी पहलों की अवधारणा तैयार करने, उनके कार्यान्वयन और निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है जिनसे मंत्रालय और इसके सम्बद्ध संगठनों में प्रचालनात्मक दक्षता, पारदर्शिता और हितधारकों की भागीदारी में सुधार होता है।
आईटी प्रभाग द्वारा निगरानी की जा रही कुछ प्रमुख पहलों में मैरीटाइम डिजिटल सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस, सागरमंथन पोर्टल और मैरीटाइम सिंगल विंडो – सागरसेतु आदि शामिल हैं।
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माननीय मंत्री श्री सर्बानंद सोणोवाल की मौजूदगी में 26 जून 2025 को मंत्रालय और प्रगत संगणन विकास केंद्र (सी-डैक) के बीच मैरीटाइम डिजिटल सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस (एमडीसीओई) के लिए समझौता ज्ञापन पर साइन किए गए। मैरीटाइम डिजिटल सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस का उद्देश्य, मैरीटाइम इंडिया विज़न 2030 और अमृत काल विज़न 2047 के लक्ष्यों के अनुसार, भारतीय मैरीटाइम सेक्टर के लिए प्रबल आईटी और ई-गवर्नेंस समधान प्रदान करने के लिए एक समर्पित डिजिटल प्रौद्योगिकी प्रभाग के तौर पर काम करना है।
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मैरीटाइम सिंगल विंडो (एमएसडब्ल्यू-सागरसेतु), पोत संबंधी आंकडों के आदान-प्रदान के लिए एक एकीकृत पोर्टल है, जिससे डुप्लीकेशन में कमी आती है और क्लियरेंस प्रक्रियाएं सहज बनती हैं। सभी 12 महापत्तन और 60 से अधिक अन्य पत्तन एमएसडब्ल्यू-सागरसेतु पर हैं, और बेहतर एकीकरण एवं सुरक्षा के लिए इसे उन्नत किया जा रहा है।
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सागरमंथन पोर्टल एक मज़बूत डैशबोर्ड है जिसमें 42 लाइव मॉड्यूल हैं, जो परियोजना की ट्रैकिंग, केपीआई, एचआर, विधायी, गवर्नेंस और कार्यनीतिक नियोजन को कवर करते हैं। इसमें मोबाइल ऐप बनाने और एडवांस्ड डाटा विज़ुअलाइज़ेशन जैसे सुधार शामिल हैं।
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यह मंत्रालय अपनी वेबसाइट और सभी महापत्तनों की वेबसाइटों को मानक बनाने का प्रयास भी कर रहा है ताकि एकसमान डिज़ाइन, पहुँच और जीआईजीडब्ल्यू 3.0 और डीबीआईएम मानकों की अनुपालना सुनिश्चित हो सके।
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सागर विद्या कोष और सागर ज्ञान कोष, मंत्रालय के हितधारकों के लिए आंतरिक ज्ञान भंडार और सहयोग के मंच हैं, जिनमें विषय-सामग्री प्रबंधन, प्रयोगकर्ता की पहुँच का नियंत्रण और बहुभाषी सहायता शामिल हैं।
आईटी प्रभाग, कार्यक्रमों, सम्मेलनों और कार्यशालाओं के आयोजन के साथ-साथ साइबर सुरक्षा, पहँुच की जांच में समन्वयन, पत्तनों में आईटी वर्टिकल सृजन और नीति आयोग के डाटा गवर्नेंस और गुणवत्ता इंडेक्स (डीजीक्यूआई) के अनुपालन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
आईटी प्रभाग, मंत्रालय में अन्य प्रभागों और मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अधीनस्थ संगठनों को ऐसी परियोजनाओं के लिए, जिनमें पर्याप्त आईटी घटक होते हैं, दिशा-निर्देश और टूलकिट सहित सहायता एवं परामर्श देता है। आईटी प्रभाग, नवाचार, सहयोग और मज़बूत गवर्नेंस के ज़रिए एक डिजिटली सशक्त मैरीटाइम सेक्टर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसकी पहलें, प्रौद्योगिकी को नीति, अवसंरचना और सेवा प्रदान करने के साथ एकीकृत करने की एक दूरदर्शी एप्रोच को दर्शाती हैं।










