विकास स्कंध के अध्यक्ष, विकास सलाहकार (पत्तन) हैं। उनकी सहायता के लिए दो निदेशक, दो उपनिदेशक और एक सहायक निदेशक हैं।
विकास स्कंध, एक शीर्ष तकनीकी संगठन है जो पत्तन विकास से संबंधित विषयों से संबंधित कार्य करता है और महापत्तन परियोजनाओं के विकास, अंडमान एवं लक्षद्वीप बंदरगाह संकर्म (एएलएचडब्ल्यू) और ड्रेजिंग कारपोरेशन ऑफ इंडिया आदि से संबंधित मामलों पर तकनीकी सलाह देता है।
अधिकारियों द्वारा पत्तन विंग, शिपिंग विंग, अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन अनुसंधान विंग और सागरमाला प्रभाग से परियोजना प्रस्तावों के लिए तकनीकी मूल्यांकन नोट, सक्षम अधिकारियों के विचारार्थ तैयार किए जाते हैं। यह विंग मछली पकड़ने वाले बंदरगाहों के मामले में अन्य मंत्रालयों को तकनीकी सलाह भी देता है और छोटे बंदरगाहों के संबंध में अनुरोध किए जाने पर समुद्री राज्य सरकारों को भी सलाह देता है। यह स्कंध अन्य मंत्रालयों को फिशिंग बंदरगाहों के संबंध में और समुद्री राज्य सरकारों को गौण पत्तनों के संबंध में अनुरोध प्राप्त होने पर तकनीकी सलाह देता है। यह स्कंध, पत्तनों और ठेकेदार फर्मों के बीच तकनीकी-व्यावसायिक विवादों में भी, जैसे और जब अपेक्षित हो, परामर्श देता है। यह विंग पड़ोसी देशों नामत: श्रीलंका, बांग्लादेश, मालदीव और म्यांमार में विदेश मंत्रालय की बाह्य रूप से वित्तपोषित खाद्य परियोजनाओं के पत्तन और बंदरगाह परियोजनाओं का तकनीकी मूल्यांकन भी करता है। यह विंग, पत्तन और बंदरगाह इंजीनियरिंग के साथ ही उपकरणों और फ्लोटिंग क्राफ्ट पर भारतीय मानकों के निर्माण/उन्नयन के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) को इनपुट देता है। विकास स्कंध, इंटरनेशनल नेविगेशन एसोसिएशन – परमानेंट इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर नेविगेशनल कांग्रेस (आईएनएस-पीआईएएनसी) से संबंधित तकनीकी और प्रशासनिक मामलों की प्रोसेसिंग से जुड़ा हुआ है, जिसमें भारत सरकार, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय एक सदस्य देश है। पीआईएएनसी, निगम की राष्ट्रीय सरकारों और निजी व्यक्तियों का एक विश्वव्यापी गैर-राजनीतिक और गैर-लाभकारी तकनीकी और वैज्ञानिक संगठन है, जिसका उद्देश्य औद्योगिकीकृत और औद्योगिकीकरण के अधीन देशों में अंतर्देशीय और समुद्री जलमार्गों, बंदरगाहों और सामान्य उपयोग के तटीय क्षेत्रों के नियोजन, डिजाइन, निर्माण, सुधार, रखरखाव और संचालन में प्रगति को बढ़ावा देकर अंतर्देशीय और समुद्री नौवहन, दोनों के रखरखाव और संचालन को बढ़ावा देना है।
विकास स्कंध, भारतीय तटरक्षक बल द्वारा महापत्तनों पर "राष्ट्रीय तेल रिसाव आपदा आकस्मिक योजनाओं" के कार्यान्वयन हेतु निरीक्षण में सहायता करती है। यह पत्तन, पोत परिवहन और अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी) क्षेत्रों से संबंधित मंत्रालय की अनुसंधान एवं विकास समिति के कार्यों का समन्वय भी करता है।
विकास सलाहकार (पत्तन), अध्यक्ष/सदस्य के रूप में कई तकनीकी समितियों से संबद्ध है।
अधिकारियों का विवरण – विकास विंग
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विकास सलाहकार (पत्तन)- श्री एच. एन. अस्वथ |
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निदेशक (इंजीनियरिंग) रिक्त |
निदेशक (इंजीनियरिंग) श्री अभय वमन सरोदे |
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उप निदेशक (इंजीनियरिंग) (श्री रामजी सिंह) |
उप निदेशक (इंजीनियरिंग) (श्री बिपिन बिहारी राय) |
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सहायक निदेशक (इंजीनियरिंग) रिक्त |
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अनुसंधान और विकास योजना (पत्तन) संबंधी सूचना
विगत पॉंच वर्षों (2020-25) में स्वीकृत अनुसंधान और विकास परियोजनाओं की सूची
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क्र. सं. |
अनुसंधान परियोजना का नाम |
परियोजना की लागत (लाख रु. में) |
परियोजना समर्थक |
परियोजना की स्थिति |
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1 |
पत्तनों, बंदरगाहों और अपतटीय संरचनाओं में शक्ति और टिकाऊपन की वृद्धि में हाई स्ट्रेन्जथ सेल्फ कांपेक्टिंग एल्काली एक्टिवेटेड स्लैग कंक्रीट (एचएस-एससी-एएएससी) भरी हुई स्टील की ट्यूबों की उपयोगिता। |
24.40 |
आईआईटी रूडकी |
पूर्ण |
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2 |
ड्रेज्ड तलछटों में सुधार। |
140.55 |
आईआईटी मुंबई |
पूर्ण |
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3 |
नदी प्रशिक्षण के लिए जलमग्न वेन्स (Submerged vanes) और धाराओं में तलछट प्रबंधन और क्षेत्र में उनके अनुप्रयोग। |
172.5 |
आईआईटी रूडकी |
पूर्ण |
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4 |
हाइब्रिड फ्लोटिंग ऑफशोर ब्रेकवाटर का डिज़ाइन, विश्लेषण और विकास। |
49.2184 |
एनआईटीके |
पूर्ण |
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5 |
पत्तन और बंदरगाह की सुनामी से सुरक्षा के लिए नया रेसीलेंट ब्रेकवाटर। |
45.00 |
एनआईटीके |
पूर्ण |
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6 |
ड्रेज्ड तलछटों का वेलोराइजेशन। |
46.4738 |
आईआईटी मुंबई |
जारी |
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7 |
एमबीपीटी और जेएनपीटी के नौवहन चैनलों और बेसिनों के गाद व्यवहार का व्यापक विश्लेषण। |
96.899 |
आईआईटी मुंबई |
जारी |
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8 |
अनुसंधान एवं विकास योजना “कम्प्यूटर अनुप्रयोगों का उपयोग करके हुगली नदी में नौवहन को प्रभावित करने वाले बेहतर ड्राफ्ट पूर्वानुमान और रूपात्मक परिवर्तन पूर्वकथन” |
82.968 |
आईआईटी खड़गपुर |
जारी |
अनुसंधान और विकास योजना (पोत परिवहन क्षेत्र) संबंधी सूचना
विगत पॉंच वर्षों में स्वीकृत अनुसंधान और विकास परियोजनाओं की सूची
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क्र. सं. |
अनुसंधान परियोजना का नाम |
परियोजना की लागत (लाख रु. में) |
परियोजना समर्थक |
परियोजना की स्थिति |
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हाइड्रोजन ईंधन सेल जलयान |
1750.00 |
सीएसएल |
पूर्ण |
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हरित नौवहन: सतह और प्रवाह की स्थितियों में परिवर्तन करके अंतर्जलीय वस्तुओं (underwater bodies) का ड्रेग रिडक्शन। |
76.09624 |
आईआईटी दिल्ली |
जारी |
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फाइबर प्रबलित/सैंडविच कंपोजिट पोत संरचनात्मक प्रणाली का विश्लेषण। |
81.02 |
आईआईटी दिल्ली |
जारी |
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जटिल बैथिमेट्री और पतवार आकृतियों के लिए उथले जल में टोइंग सिमुलेशन सॉफ्टवेयर का विकास। |
69.81304 |
आईआईटी दिल्ली |
जारी |
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आईआईटी दिल्ली द्वारा पोत के इष्टतम उपयोग के आधार पर प्रबल मशील अधिगम |
71.06 |
आईआईटी दिल्ली |
जारी |
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अधिक सुरक्षा और स्थिति-आधारित निर्णय लेने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करके जहाज के पतवारों की संरचनात्मक स्वास्थ्य निगरानी। |
76.472 |
आईआईटी दिल्ली |
जारी |
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पूर्णतः स्वदेशी स्वायत्त सतह पोत (एएसवी) पायलट परियोजना का डिजाइन, विकास, निर्माण और प्रदर्शन। |
4000 |
कोचीन शिपयार्ड लिमि. |
जारी |
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समुद्री अनुप्रयोगों के लिए जैव-आधारित वनस्पति गियर तेल स्नेहक में डोप्ड टाइटेनियम नैनो-धातु ऑक्साइड योजकों का संश्लेषण, लक्षण निर्धारण और अनुप्रयोग। |
55.72 |
भारतीय समुद्री विश्वविद्यालय |
जारी |
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द्वीपीय जलयानों की गतिशीलता और पूर्वानुमान के लिए गणितीय मॉडल का विकास। |
104.35 |
भारतीय समुद्री विश्वविद्यालय |
जारी |
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आईडब्ल्यूएआई के हल्दिया मल्टी-मॉडल टर्मिनल के निकट चैनल स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अध्ययन। |
37.40 |
भारतीय समुद्री विश्वविद्यालय |
जारी |
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पत्तन से संबंधित गतिविधियों से जल के भीतर उत्पन्न विकिरणित शोर और उसके शमन के उपाय। |
18.55 |
भारतीय समुद्री विश्वविद्यालय |
जारी |
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मिनिमम वेव वॉश के लिए भारतीय अंतर्देशीय जलयानों के हल फॉर्म ऑप्टीमाइजेशन पर संख्यात्मक अध्ययन। |
78.272 |
भारतीय समुद्री विश्वविद्यालय |
जारी |
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समुद्री अनुप्रयोगों के लिए प्रयुक्त आवृत्ति डोमेन स्पेक्ट्रोस्कोपी पर आधारित स्नेहन तेल के प्रदर्शन के उन्नत मूल्यांकन के लिए एक नवीन पद्धति का डिजाइन और विकास। |
62.3656 |
भारतीय समुद्री विश्वविद्यालय |
जारी |










